March में बेमौसम बारिश और किसान ll What is the reason for unseasonal rain in March?


बीते कुछ दिनों से लगभग पूरे उत्तर भारत में हो रही बारिश ने लोगों को चिंता में डाल रखा है, यह बारिश केवल उत्तर भारत ही नहीं बल्कि इसका असर कई राज्यों तक देखने को मिल रहा है, लोग कह रहे हैं के यह सब global warming और climate change का नतीजा है, लेकिन IMD यानी Indian meterological department ने यह कहा है के यह बारिश क्लाइमेट चेंज के कारण नहीं बल्कि हर साल मार्च में होने वाली प्रक्रिया है। वैज्ञानिकों ने इस बारिश की 3 वजह बताई है, जिनमे पहली है western disturbance यानी पश्चिमी विक्षोभ, दूसरा कारण है cyclonic circulation यानी चक्रवाती प्रचलन तथा तीसरा कारण है अरब सागर से आने वाली दक्षिण पश्चिमी तथा बंगाल की खड़ी से आने वाली दक्षिण पूर्वी हवाओं का मध्य भारत यानी मध्यप्रदेश के आस पास टकराव, आइए विस्तार से जानते है की ये पश्चिमी विक्षोभ कैसे हर साल उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करता है।
सबसे पहले यह जानते हैं के यह पश्चिमी विक्षोभ होता क्या है
पश्चिमी विक्षोभ या western disturbence , sub tropical यानी उपोष्णकतिबंधीय तूफान होते हैं जो भूमध्य सागर यानी मेडिटेरेनियन सी के पूर्वी छोर या कभी कभी caspian sea से उत्तपन्न होते हैं और फिर पश्चिमी जेट धाराएं यानी western jet streams इन्हे पाकिस्तान होते हुए भारत की उत्तर पश्चिमी सीमा तक ले आती है, पश्चिमी विक्षोभ पश्चिम से उत्तर दिशा में चलते है और पंजाब हरियाणा हिमाचल उत्तराखंड उत्तरप्रदेश राजस्थान जैसे राज्यों तक अपना असर दिखाते हैं। पश्चिमी विक्षोभ को extra tropical storm के नाम से भी जाना जाता है इनके आने से पूर्व उत्तरभारत का air pressure कम हो जाता है और तापमान थोड़ा बढ़ जाता है, लेकिन जैसे ही ये आ जाते हैं तापमान में एकदम से गिरावट देखी जाती है। पश्चिमी विक्षोभ अपने साथ बारिश ओले और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी भी लाते हैं, सामान्य रूप से पश्चिमी विक्षोभ जनवरी के अंत में या फरवरी में भारत में दाखिल होता है और मार्च तक टिकता है, लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा मजबूत पाया गया है और सामान्य से अधिक बारिश कर रहा है, वैसे तो पश्चिमी विक्षोभ के द्वारा की गई हल्की फुहारों वाली बारिश रबी की फसलों के लिए वरदान मानी जाती है लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा होना किसानों के लिए चिंता की बात है। 
IMD के अनुसार यह बारिश सरसों के फूलों के लिए नुकसान देय है इसकी वजह से फूल झड़ जाते है और पैदावार कम हो जाती है, वही कुछ इलाकों में ओले गिरे है, गेहूं की फसल को बारिश की वजह से भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश और ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर खेतों में किसानों की फसलों पर दिखाई दिया है. ज्यादातर जगहों पर गेहूं की फसल गिर गई है, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा वहीं, सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. बारिश से सब्जी उत्पादक किसानों को भी नुकसान पहुंचा है. तेज हवाओं के चलने से आम और लीची के बौर भी झड़े हैं

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