Hypertension: भारत को IHCI पहल के लिए मिला UN award सम्मान
उच्च रक्तचाप के खिलाफ देश के सराहनीय प्रयासों के लिए भारत को संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। देश की प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली के महत्वपूर्ण कार्यों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान देते हुए यह पुरस्कार एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और इससे बचने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत एक विशेष कार्यक्रम चलाया जाता है। भारत की इस उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल (आई.एच.सी.आई.) को अब वैश्विक स्तर पर सराहा गया है। इसके लिए भारत को '2022 यूएन इंटरएजेंसी टास्क फोर्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेष कार्यक्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल’ पुरस्कार मिला है।
बता दें कि शरीर में हृदय का सबसे प्रमुख काम ऑक्सीजन और ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए रक्त को पंप करना है। धमनियों के ज़रिये रक्त के प्रवाह के लिये दबाव की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है। यह दबाव 90 से लेकर 140 तक सामान्य माना जाता है। यदि रक्त प्रवाह का यह दबाव इस सामान्य स्तर से अधिक होता है तो यह धमनियों के दीवार पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इसे ही हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहते हैं। हाइपरटेंशन दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी और असामयिक मृत्यु जैसे मामलों के लिए एक प्रमुख जिम्मेदार कारक है। यह बीमारी आमतौर पर उम्रदराज लोगों को होती है, लेकिन वर्तमान में युवा आबादी में भी इसके लक्षण दिखने लगे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक भारत में प्रत्येक चार वयस्क में से एक हाइपरटेंशन से पीड़ित है। इस समस्या से प्रभावित लगभग 50 फ़ीसदी लोग ही ऐसे होते हैं जिन्हें समय पर यह पता चल पाता है कि वे हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं। उनमें भी केवल दस प्रतिशत वयस्कों का ही रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। इसीलिए इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (ICMR) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के साथ मिलकर देश भर में भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण (प्रबंधन) पहल (IHCI) शुरू किया। यह एक 5 वर्षीय कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत नवंबर 2017 में की गई थी। इस पहल के अंतर्गत पाँच वर्षों में कुल 15 करोड़ जनसंख्या को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अभी वर्तमान में यह पहल देश के 23 राज्यों के 138 जिलों में लागू किया जा रहा है। इस तरह उच्च रक्तचाप वाले 34 लाख से अधिक लोग सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत इलाज करवा रहे हैं। इस पहल के अंतर्गत उपयुक्त उपचार प्रोटोकॉल का प्रावधान बनाया गया है। इसमें प्राथमिक इलाज की गुणवत्तापरक सुविधाएँ उपलब्ध कराना, सही गुणवत्ता वाले उपकरणों और दवाओं का प्रयोग शामिल है।
गौरतलब है कि हाइपरटेंशन और इसके लक्षणों को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। विश्वभर में एक अरब से अधिक व्यक्तियों को उच्च रक्तचाप का सामना करना पड़ रहा है। सौभाग्य से उच्च रक्तचाप को रोका जा सकता है। आप नियमित रूप से अपने रक्तचाप की जांच करके उपचार के जरिए इसे नियंत्रित रख सकते हैं।
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