सरकार अपनी शासन आपना क्या करेगा काज़ी
कोरोंना के दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन की भारी किल्लत की वजह से हुइ मौतों की, चिताओं की धधकती आग अभी पूर्ण रूप से ठंडी भी नहीं हुई, पीड़ित परिजनों के चीखों की गूँज अभी शांत भी नहीं हुईं, तीसरी लहर की आहट हर तरफ पसरी है, के बीच
नवनिर्वाचित स्वास्थ्य मंत्री भारती प्रवीन पवार ने मंगलवार को ग़ैर जिम्मेदाराना बयान से पीड़ित परिजन अवाक है
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने स्वास्थ्य मंत्रालय से लिखित सवाल पूछा, 'क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन के अभाव में बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों की मौत सड़कों या अस्पतालों में हुई? इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में ऑक्सीजन की अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है, सरकार नेेेेेे इस तरह का बयान देकर अपनी विफलताओं पर जिस प्रकार पर्दा डाला है वह दयनीय है
दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भयंकर कमी से लोग सड़कों और अस्पतालों में दम तोड़ रहे थे पीड़ित के परिजन ऑक्सीजन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे चीख रहे थे चिल्ला रहे थे और केंद्रीय सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं गई है सरकार के बयान से लगता है देश में क्या हो रहा है उन्हें पता ही नहीं है जैसे कि वह दूसरे ग्रह से आए हों
चलिए कुछ समय के लिए मान लिया जाए की कोरोंना पीड़ित परिजन जब ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे थे चीख चिल्ला रहे थे तब सरकार कान में तेल डाले हुईं थी जिससे कि वे लोगों की चीखें सुन नहीं पाई, इस तरह की बेबुनियाद बयान देने से पहले सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्व बयान देखना चाहिए था " 4 मई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति न किए जाने की वजह से हो रही कोविड-19 के मरीजों की मौतें एक अपराध है, यह नरसंहार से कम नहीं है" सरकार के पास इस तरह के बयान पढ़ने का समय कहा है वह तो सड़कों पर बड़ी-बड़ी होर्डिंग, पोस्टर मुक्त वैक्सीन, मुक्त राशन, मुफ्त इलाज के नाम पर मियां मिट्ठू में व्यस्त हैं
सरकार न्यूज़ पेपर न्यूज़ चैनल अवश्य पड़ती और देखती होगी क्योंकि वर्तमान सरकार का कुछ मीडिया चैनलों से बड़ा ही याराना लगाओ रहा है शायद उससे कुछ पता चल जाता पता की ऑक्सीजन की कमी से कितने लोगों की जान गई है बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार 1 मई को महरौली स्थित बत्रा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किए गए 12 कोविड-19 की मौत हो जाती है अस्पताल ने इन मौतों का जिम्मेदार ऑक्सीजन की कमी को बताएं, दिल्ली के रोहिणी में मौजूद जयपुर गोल्डन अस्पताल आईसीयू में भर्ती 20 लोगों की मौत कथित तौर पर ऑक्सीजन का स्तर गिरने से हुई, दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 25 गंभीर रूप से बीमार रोगियों की मौत हो गई, इसी प्रकार की मौतें हजारों से अधिक अस्पतालों में हुई इन सब में मौतों का प्रमुख कारण है ऑक्सीजन की कमी
स्वास्थ, राज्य का विषय है और राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश नियमित तौर पर कोरोंना के मामले और मौत की संख्या के बारे में केंद्र सरकार को सूचित करते हैं
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