केन बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखंड

                


पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ों परियोजना की संकल्पना को, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व जल दिवस (22 मार्च) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय जल शक्तिमंत्री, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने एतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए

     भौगोलिक विविधताओं के कारण बुंदेलखंड सबसे सूखे और आर्द्र स्थानों में से एक हैं, ऐसे में जिलों के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना जिंदगी की नई धारा लेकर आएगी, नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रीय स्तर की अपनी तरह की पहली परियोजना हैं |इस परियोजना का मकसद, जल अधिशेष बेसिन क्षेत्रों से पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल स्थानांतरित करना है अर्थात, बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के नौ जिलों को केन-बेतवा इंटर लिंक परियोजना के तहत हमीरपुर स्थित मौदहा बाँध को लिंक नहर से जोड़कर भरा जाएगा जिससे दोनों राज्यों को लाभ मिले, उत्तर प्रदेश के महोबा, झाँसी, ललितपुर एवं हमीरपुर तथा मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ, पन्ना आदि जिलों में अब 10.62 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति होगी और 103 मेगावाट जल विद्युत के उत्पादन की उम्मीदें हैं |इसके अलावा कई अन्य योजनाएं प्रस्तावित है जो लोअर ओर्र, कोठा बैराज और बीना संकुल बहुउद्देशीय परियोजना प्रस्तावित है जो आगे चलकर लोगों के हित को सार्थक बनाएंगी

    केन-बेतवा यमुना नदी की सहायक नदियां हैं, केन नदी जबलपुर के पास कैमूर की पहाड़ियों से निकलकर 427 किमी उत्तर की ओर बहने के बाद बांदा जिले के चिल्ला गाँव में यमुना नदी में मिलती हैं |बेतवा नदी मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से निकलकर 576 किमी बहने के बाद हमीरपुर जिले में यमुना में मिलती हैं |छतरपुर के दौधन गावं में दोनों नदियों को जोड़ कर बाँध बनाया जायेगा 



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